सब कर सकते हैं.
हम चाहे तो क्या नहीं बन सकते
हम चाहे तो क्या नहीं पा सकते
हम चाहे तो क्या नहीं दे सकते
एक इंसान ही है जो हर असंभव को संभव कर सकता हैं
एक इंसान ही हैं जो मुश्किल घड़ी मे हमारा साथ देता हैं
तो फिर ये इंसानों सब मनुष्य ही करता हैं तो फिर हार क्यों
मान जाते हो , क्यों?
सार्वभौमिक सत्य - हर इंसान विशेष हैं उसमे कुछ विशेष अवश्य हैं बस आपको ढूढना है उस महान कार्य को जो आप कर सकते हैं लेकिन संसार मे कोई नहीं कर सकता..
!!*भाई साहब*!!
हम चाहे तो क्या नहीं पा सकते
हम चाहे तो क्या नहीं दे सकते
एक इंसान ही है जो हर असंभव को संभव कर सकता हैं
एक इंसान ही हैं जो मुश्किल घड़ी मे हमारा साथ देता हैं
तो फिर ये इंसानों सब मनुष्य ही करता हैं तो फिर हार क्यों
मान जाते हो , क्यों?
सार्वभौमिक सत्य - हर इंसान विशेष हैं उसमे कुछ विशेष अवश्य हैं बस आपको ढूढना है उस महान कार्य को जो आप कर सकते हैं लेकिन संसार मे कोई नहीं कर सकता..
!!*भाई साहब*!!
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