अजीब ! जिंदगी से भड़ास ..

दिल में एक आस है
कहने को दिल बेकरार हैं
ये जिंदगी ..

क्या करूँ ? बोल दूँ
या फिर रहने दूँ
ये जिंदगी ..

तू सुनना चाहती है कि नहीं
ये जिंदगी ..

तड़पते हुये ह्रदय को
कैसे समझाऊ मै ..

तू सुन या मत सुन
मै तो सुनाऊंगा तुझे
ये जिंदगी ..

तू जब चली जावेगी
तब क्या होगा मेरा
ये जिंदगी ..

मेरी शरीर से निकलकर
किसी अन्य शरीर में

जावेगी क्या पीड़ा नहीं
होगी मुझे
ये जिंदगी ..

जब तुझे जाना ही था
तो कुछ समय के लिए

मेरे निर्मल ह्रदय को
पीड़ा क्यों दी तूने
बोल ये जिंदगी ..

क्यों दिखाये तूने मुझे
ये संसार रुपी सपने

क्या कशूर था मेरा
ये जिंदगी ..

तूने सोचा मै रुकूंगा ,
मै डरूँगा , मै कमजोर
हो जाऊँगा ..

ये तेरी गलतफहमी है
ये जिंदगी ..

मै तेरी दी हुयी
हर बाधा को पार कर
अपने सपने साकार करूँगा
ये जिंदगी ..

मेरे उलझे हुये परिवार ने
जो सुलझे हुये सपने देखे मेरे लिए

मै उन्हें साकार करूँगा
ये जिंदगी ..

तेरे जाने का दुख होगा मुझे
तू जाना ही क्यों चाहती है

तू चाहे सब कुछ कर सकती है
ये जिंदगी ..

तूने मुझे संसार से मिलाया
तूने मुझे जीना सिखाया

फिर क्यों रूठ रही है मुझसे
ये जिंदगी ..

आखिर तू चाहती क्या है मुझसे
तू बता ये जिंदगी ..

तेरी हर ख़्वाहिश, हर जिद
पूरी करने को हु तैयार मै

तू बता ये जिंदगी ..

तूने जो वादे किये मुझसे
क्या वह मेरा  एक वहम था

नहीं होने देगी तु तेरे
दिखाये हुये हर  सपने पूरे

इतनी कठोर मत बन
ये जिंदगी ..

कोई तुझे दोवारा पाने
कि चाहत नहीं रखेगा
ये जिंदगी ..

बहुत ज्ञान पाया तुझसे
बहुत सीखा हु तुझसे

बड़ा संघर्ष करना सिखाया
तूने ये जिंदगी ..

अब अपने और अपनों के
सपने साकार करना चाहता हु
ये जिंदगी ..

                                    #Socialist B.S.Chouhan
                                          *भाई साहब*










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